Learn How Start E-Commerce Website Business In India, Step by Step Details In Hindi

वर्तमान की बात करें तो E-कॉमर्स सेक्टर की ग्रोथ तेज़ी से बढ़ती जा रही है तो यदि आप भी इ कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने की सोच रहे है तो यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। जुलाई 2017 आंकड़ों के अनुसार भारत में इंटरनेट यूजर की संख्या 450 मिलियन के पार हो चुकी है यानि की कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा प्रतिदिन इंटरनेट का प्रयोग करता है और ये आँकड़े हर बढ़ते ही जा रहे है, इससे यह बात को सिद्ध है कि आने वाले समय में इंटरनेट मार्किट तेज़ी से बढ़ जाएगा और इसका सबसे अधिक फायदा इ कॉमर्स सेक्टर को होगा।
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पूरा बिज़नेस आपके बिज़नेस मॉडल पर निर्भर करता है, नॉर्मली मैं आपको सिर्फ दो स्टेप में इ कॉमर्स बिज़नेस स्टार्ट करने के बारे में बताने जा रहा हूँ जिससे आप आसानी से समझ सकें कि इ कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने के लिए किन किन बातों को ध्यान में रखना पड़ता है।

1 इ कॉमर्स की वेबसाइट बनाना

2 अपने बिज़नेस को मार्किट के सामने लाना। 


1 ऑनलाइन मार्किट वेबसाइट पर ही निर्भर करता है वेबसाइट बनाने से पहले आपको बिज़नेस का ऐसा नाम चुनना ज़रूरी है जो लोगों को जल्दी से याद रहता हो, जो सर्च करने में आसान हो उसके बाद ही आप वेबसाइट का नाम चूस करें। वेबसाइट बनाने के बाद Online marketing set-up, logistics implementation और payment gateway integration का सेट उप करना पड़ता है।

इ कॉमर्स की वेबसाइट बनाने के बाद उसे मार्किट के सामने लाना बहुत उपयोगी टास्क बन जाता है यह प्रोसेस थोड़ी लम्बी होती है परन्तु इसके बिना आप ऑपरेशन नहीं कर सकते. चलिए जानते है कि इ कॉमर्स साइट को मार्किट में किस प्रकार लॉन्च किया जाता है।

Steps to start E-commerce Website In India-

  • कंपनी रजिस्ट्रेशन: इ कॉमर्स कंपनी शुरू करने से पहले आपको अपनी कंपनी का नाम रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी है, यहाँ आपको यह बताना होता है कि आपकी कंपनी इंडिविजुअल है या पाटर्नरशिप में है इसके अलावा बहुत ही चीज़ें आपको रजिस्ट्रार ऑफिस में सबमिट करवानी पड़ती है।
  • टैक्स रजिस्ट्रेशन: ऑनलाइन सामान बेचने के लिए आपको टैक्स रजिस्ट्रेशन करवाना होता है जिसमें GST नंबर और दूसरे Tax norms शामिल होते है नॉर्मली किसी भी बिज़नेस को स्टार्ट करने के लिए टैक्स रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है।
  • बैंक में बिज़नेस अकाउंट खोले : इतनी चीज़े पूरी होने के बाद पैसों के लेन देन के लिए बैंक में बिज़नेस खाता खुलवाना अनिवार्य होता है यह बैंक खाता सामान्य अकाउंट(सेविंग अकाउंट) से अलग होता है जिसके लिए GST सर्टिफिकेट, रेजिस्ट्रेड ऑफिस का पता आदि ज़रूरी होता है। 
  • पेमेंट गेटवे: एक बार जब बैंक खाता बन जाए, उसके बाद पैमेंट गेटवे होना लेना होता है जिसकी मदद से कस्टमर ऑनलाइन, क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड से पेमेंट दे सकें। 
  • इ कॉमर्स शिपिंग सोलुशन: आर्डर मिलने के बाद प्रोडक्ट को कस्टमर के बताए पते पर भेजने के लिए आपके पास अच्छा शिपिंग सोलुशन होना ज़रूरी होता है, इसके लिए मार्किट में बहुत सारी इ शिपिंग कंपनी उपलब्ध है जो इस प्रकार की सेवा देती है जैसे-ShipRocket

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