SEO क्या है? ब्लॉग रैंकिंग बढ़ाने का फॉर्मूला। TOP Google Secrets, जो हर कोई नही जानता ।

SEO अर्थात रैंकिंग बूस्टर का तरीका। ब्लॉगिंग और इंटरनेट की दुनिया में आम शब्द है लेकिन इसको जानने वाले काफी कम हैं।

SEO का फुल फॉर्म Search Engine Optimization हैं। जोकि Google पर वेबसाइट रैंकिंग बढ़ाने का एक जुगाड है।अगर आप भी अपने ब्लॉग की रैंकिंग बढ़ाना चाहते हैं। SEO को समझना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत जरूर पढ़ना।


SEO क्या हैं ?



सिंपल शब्दों में किसी भी ब्लॉग या वेबसाइट की Google Search Engine रैंकिंग बढ़ाने की प्रक्रिया अर्थात Search Engine Optimization.


जब आप किसी सवाल को गुगल करते है तो गुगल आपके सामने दस तरह की वेबसाइट लाकर रख देता है। गुगल को आपका उत्तर खोजने के लिए पूरे इंटरनेट पर मौजूद सभी वेबसाइट को स्कैन करना पड़ता है और उसमे से जो वेबसाइट आपके सवाल का Relevanent उत्तर दे , उसे दिखाना होता है। लेकिन इस काम को करने में 1st Page पर Rank होने वाले ब्लॉग्स या वेबसाइट्स को बहुत से पैरामीटर पर खरा उतरना पड़ता है। इसके लिए Search Engine ने रोबोट बना रखा है, जिसको बोलते है Algorithm. जोकि हर सेकंड अपडेट होता है। 


ध्यान देने वाली बात है कि यूजर्स को Search Engine पर रैंक होने वाली शुरुआत की 2 या 3 वेबसाइट में अपना जवाब मिल जाता है इसलिए इन वेबसाइट को Traffic और पैसा अधिक मिल जाता है। 


ब्लॉगिंग में सबसे महत्वपूर्ण है कि आप अपनी वेबसाइट के SEO पर फुल जोश से काम करें तभी ट्रैफिक और इनकम बढ़ सकती है। इंटरनेट की दुनिया में कोई भी व्यक्ति Algorithm को समझ नही सकता क्योंकि ये बदलता रहता है, लेकिन कुछ चीज ऐसी है जिनको Search Engine खुद सपोर्ट करता है। आपको उन्हीं पर फोकस करना है। उनको फॉलो करोगे तो एल्गोरिथम आपके ब्लॉग को अपने आप Support करेगा।


Search Engine को कैसे पता कि कौन-सा पेज रैंक करना है?


Search Engine का सिर्फ एक ही मकसद है, कि वो अपने यूजर्स को अधिक अधिक Relevant Content दे, जिसमें उनके पूछे गए सवाल का उत्तर हो। 


जब भी आप कुछ सर्च करते है तो सर्च इंजन उन pages को दिखाता है जो आपके सवाल का योग्य उत्तर दे से और उनको TOP में डिस्पले किया जाता है। 


आपकी सर्च का योग्य उत्तर देने के लिए सर्च इंजन दो चीजों को Analysis करता है।


1) Search Query और Page Content के बीच का ताल मेल ( Relevancy) -


Relevancy देखने के लिए सर्च इंजन इनको एक्सेस करता है, बारीकी से एक एक वर्ड स्कैन होता है जिसमें Page Title, Keywords, Meta Tags, Number of words देखे जाते है।


2) उस Page की Authority कितनी हैं?


पेज की Authority को ब्लॉग की पॉपुलैरिटी के अनुसार मेजर किया जाता है। जिसकी अधिक popularity उतना रैंकिंग में फायदा होगा।


इन सभी को measure करने में search engine complex 

equations यूज करता है जिसको Search Algorithm कहते है।


वैसे Algorithm बहुत जटिल है लेकिन SEO Experts कई हद तक इसको समझ चुके है उन्हीं Top Seven Secrets को में आपसे शेयर करने वाला हूं।


SEO Secrets Tips & Tricks :


SEO को समझने के लिए आपको इसके प्रकार को जानना होगा तभी आप इसको बेहतर ढंग से जान सकते है।


Types Of Search Engine Optimization :


आमतौर पर तीन प्रकार के SEO है जो ब्लॉग की रैंकिंग में मद्दरूप है।


1) On Page SEO
2) Off Page SEO
3) Technical SEO.


On Page Search Engine Optimization -


ऑन पेज SEO ब्लॉगर के कंट्रोल में होता है। जिसमें ब्लॉग के हर page पर ध्यान दिया जाता है। इसमें Fresh Quality Content बनाना, टाइटल, मेटा डिस्क्रिप्शन, Long Tail Keywords, HTML, Headings & Sub headings का समावेश होता है। कुलमिलाकर page पर किया जाने वाला काम On Page Optimization होता है। 


Off Page Search Engine Optimization -


ऑफ page optimization एक्सट्रेनल फेक्टर है। जिसमें Back links, page ranking boosting, bounce rate पर ध्यान दिया जाता हैं।


Technical Optimization -


सर्च इंजन रैंकिंग पर टेक्निकल चीज़े असर डालती हैं। जैसे page loading time, blog layouts, sitemap, Amp, mobile friendly etc.


90 प्रतिशत लोग मोबाइल से सर्च करते है इसलिए ब्लॉग को मोबाइल फ्रेंडली जरूर बनाए।


On Page Optimization कैसे करें ?


On Page Optimization ब्लॉग के एलिमेंट्स से जुड़ा हुआ है जोकि ब्लॉग्स कोडिंग, ब्लॉग text layouts और विशुअल, यूजर फ्रेंडली ब्लॉग. ये सब On Page SEO का एक भाग है।


ध्यान रहे को On Page Optimization वो भाग है जोकि ब्लॉग पर पेज पर लागू होता है। जिससे की ब्लॉग की परफॉर्मेंस और रैंकिंग बढ़ती है।


On Page Optimization Techniques :


1) मोबाइल फ्रेंडली ब्लॉग:


जैसा कि हमने पहले भी बताया कि 90% इंटरनेट सर्च इंजन का इस्तेमाल मोबाइल फोन से होता है तो आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि आपका ब्लॉग मोबाइल फ्रेंडली हो यानि कि मोबाईल से ब्लॉग का इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत ना आए।


2) साइटमैप:


इसका उपयोग ब्लॉग pages में crawl करने के लिए होता है।इससे की search engine spider pages को Crawl कर उन्हें Index कर पाए।


3) Header टैग्स:


Pages में हेडर टैग्स एल्गोरिथम को इंडेक्स करने में उपयोगी होते है। जैसे Header Tag 1, H2 आदि। पोस्ट लिखते समय मुख्य टॉपिक की हेडिंग और सब हेडिंग का जरूर ख्याल रखें। इससे यूजर को भी पढ़ने और समझने में आसानी होती हैं।


4) META टाइटल:


मेटा टाइटल जोकि आपके ब्लॉग को कुछ शब्दों में डिस्क्राइब करता है। Meta Tittle को 55 से 56 character तक ही रखे। लंबे कैरेक्टर Search Engine में छिपा लिए जाते है।


5) META DESCRIPTION:


Meta description वेबसाइट को सर्च इंजन डिफाइन करता हैं। जिससे की आसानी से relevant page की सर्च इंजन में रैंकिंग बढ़ती है। आपको हर पेज का अलग से मेटा डिस्क्रिप्शन बनाना चाहिए।


6) Robot.txt:


रोबोट txt की मदद से वेबसाइट को जल्दी से सर्च इंजन में जोड़ा जा सकता है। जिससे की इंडेक्सिंग आसानी से हो जाती है।


7) वेबसाइट इंटरनल लिंकिंग:


इंटरनल लिंकिंग SEO के लिए काफी उपयोगी एलिमेंट है।इससे वेबसाइट pages के बीच आसानी से नेविगेट होती है।


8) Images Alt Tags:


किसी भी ब्लॉग या वेबसाइट में फोटोज तो रहते ही है लेकिन सर्च इंजन को समझाने के लिए इमेजेस alt tags का इस्तेमाल करते है जिससे की गूगल को पता चले की ये इमेजेस किस topic से जुड़ी हुई है।


9) Anchor Text:


एंकर टेक्स्ट और URL का सीधा रिलेशन है इसलिए उनको match रखना चाहिए। रैंकिंग में फायदा होता है और सर्च इंजन कंफ्यूज नही होता।


10) URL:


Website का url structure एकदम टॉपिक से मिलता जुलता होना चाहिए। ये रैंकिंग को आसान बना देता है।


Off Page Search Engine Optimization कैसे करें?


ऑफ पेज ऑप्टिमाइजेशन का आपकी वेबसाइट से कोई लेना देना नही होता। हालाकि ये आपकी वेबसाइट या ब्लॉग की अथॉरिटी को बढ़ाने में बहुत सहायता करता है। इसमें आपको दूसरो की वेबसाइट, सोशल मीडिया और अलग अलग मार्केटिंग की मदद से Quality Backlink बनानी होती है हालाकि सिर्फ बैकलिंग बना लेने से वेबसाइट अथॉरिटी नही बढ़ती, आपको अच्छा कंटेंट भी देना होगा तभी काम बनेगा। कहने का मतलब सिर्फ ट्रैफिक को लाने से काम नही चलता, बल्कि back links से मिले ट्रैफिक को एंगेज करने से वह उपयोगी साबित होता है। ये बात ध्यान रखना।


1) सोशल मीडिया/ब्लॉग्स/फॉर्म:


ऑफ पेज SEO करने के लिए आप सोशल मीडिया का सहारा ले, यहां वेबसाइट का पेज, ग्रुप बनाए लोगों को जोड़े। न्यू पोस्ट की फ्रेश लिंक शेयर करे। ग्रुप डिस्कशन करें, Quora जैसे फॉर्म का इस्तेमाल करें, अपनी वेबसाइट से रिलेटेड टॉपिक के सवाल के जवाब दे और साथ में साइट लिंक भी शेयर करें। आप दूसरो के ब्लॉग पर गेस्ट पोस्ट भी लिख सकते है, इससे दोनो ब्लॉगर को फायदा होगा।


2) फ्रेश कंटेंट:


आपको वेबसाइट या ब्लॉग को अपडेट रखना है, एक निश्चित समय अंतराल में आप ब्लॉग पर पोस्ट डाले, उन्हे अपडेट रखे। जिससे की सर्च इंजन आपको ब्लॉग या साइट को रैंकिंग में कंसीडर कर सके।


3) राइट कीवर्ड:


पेज रेंकिंग में राइट कीवर्ड का उतना ही योगदान है जितना कंटेंट का। कीवर्ड सही नही होगा तो वह उन viewers तक पहुंच ही नही पाएगा जिसको वह पढ़ना या जानना है। 


4) Long Tail Keywords:


छोटे कीवर्ड रैंकिंग करने बहुत मुश्किल होते है। लेकिन long tail keywords जल्दी रैंक होते है। खासकर जब वह कीवर्ड कोई यूजर्स सर्च करता है तब। इसलिए ऐसे कीवर्ड पर ज्यादा फोकस रखे।


5) Latent Semantic Index Keywords:


LSI कीवर्ड मैन कीवर्ड से मिलते जुलते Keywords होते है। ये रेंकिंग में मदद करते है। कई बार यूजर आपके टॉपिक से मिलते जुलते कीवर्ड सर्च करता है तब भी आप की वेबसाइट या ब्लॉग को रैंकिंग मिलती हैं।


6) ब्रोकन लिंक:


अगर आपके ब्लॉग या वेबसाइट में ब्रोकन लिंक है तो उन्हें निकाल दे, क्योंकि इससे रैंकिंग में बड़ा नुकसान होता है। इस पेज को सर्च इंजन ignore कर देता है।


7) वेबसाइट और ब्लॉग डायरेक्टरी:


आपके ब्लॉग या साइट को High Authority Website Directory में सबमिट करना है जिसे स्ट्रॉन्ग Quality Backlink बनती है।


उम्मीद है SEO के बारे में आपको थोड़ी जानकारी इस पोस्ट की मदद से मिली होगी। आप आपका कोई सवाल है तो नीचे कमेंट में पूछ सकते है।


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