स्वामी विवेकानंद के बारे में रोचक तथ्य | Interesting Facts About Swami-Vivekanand

स्वामी विवेकानन्द के बारे में तो हम बचपन से ही इतियास पढ़ते आ रहे है उनका वास्तविक नाम नरेंद्र था। उनका जनम 12 जनवरी 1863 में कलकत्ता शहर में बंगाली परिवार में हुआ था। विवेकानंद को योग और वेदांत का ज्ञानी मना जाता है , वे भारत से भूख,गरीबी,कूटनीति को मिटा कर नये मुकाम पर ले जाना चाहते थे नरेंद्र के गुरु रामकृष्ण परमहंस थे ।












# Intresting Facts About Swami Vivekanand-

1) नरेंद्रदत्त (विवेकानंद) बचपन से ही पढ़ाई के साथ साथ खेल-कूद और योग में आगे थे। वे साधू पुरुष को सम्मान देना अपना कर्तव्य समजते थे।



2) सन् 1879 में नरेंद्र ने मेट्रिक्स (10th) परीक्षा पास कर प्रेसिडेनसी कॉलेज ,कलकत्ता में दाखला करवा लिया, एक साल बाद वे स्कॉटिस चर्च कॉलेज में फिलोसॉफी पढ़ना सुरु किया ।


3) विवेकानंद को भगवान् है? या नही? ऐसे बोहत से प्रश्न दिमाग में घर कर गये। इसी दौरान उनकी मुलाकात रामकृष्ण परमहंस से हुई जो काली माँ के भक्त थे।


4) नरेंद्र को किसी ने बताया की रामकृष्ण जोकी दक्षिणेस्वेर में काली माँ के भक्त थे उन्होंने इश्वेर को देखा है तब नरेंद्र को उन्हें मिलने रूचि और भी बढ़ गयीं ।


5) सन् 1881 में नरेंद्र की पहेली मुलाकात रामकृष्ण परमहस् से हुई , वे अपने दो मित्रो के साथ दक्षिणेश्वेर पहुच गए ।


6) 1884 में नरेंद्र के पिता की मृत्यु होने पर उन्हें आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा,तब उनको नोकरी की तलाश करते-करते रामकृष्ण परमहंस से मिलने की इच्छा बढ़ गयी।




7) रामकृष्ण ने नरेंद्र को काली माँ से अपनी समस्या को लेकर प्राथना करने को कहा, और विवेकानंद काली माँ के मंदिर में अपनी समस्या को कहने के बजाए सत्य ज्ञान को जानने की इच्छा प्रकट करते है।


8) माँ के आशिर्वाद से नरेंद्र को सत्य ज्ञान हुआ, और रामकृष्ण को नरेंद्र अपने गुरु के रूप में स्वीकार कर लेते है।



9) नरेंद्र की आवाज़ बोहत ही सुरीली थी, उसी से प्रभावित होकर रामकृष्ण ने उन्हें दक्षिणेस्वेर में आमंत्रित किया था।


10) इसके बाद नरेंद्र को निर्विकल्प समाधी का अनुभव हो जाता है रामकृष्ण ने नरेंद्र को दुसरो की सेवा करने का उपदेश देते हुये सन् 16 अगस्त 1886 में रामकृष्ण ने अपने शरीर का त्याग कर दिया।


11) रामकृष्ण की मृत्यु के बाद नरेंद्र ने पहले मठ की स्थापना baranagar में की, वहा वे रात 3:00 बजे उठ कर ध्यान करते थे।


12) स्वामी विवेकानंद ने देश-विदेश में हिन्दू धर्म (आर्य समाज) का प्रचार किया और गरीबो की सेवा के लिए कई मठो की स्थापना की।




13) 4 जुलाई 1902 को सुबह जल्दी उठ कर विवेकानंद बेलूर मठ जाकर 3 घंटे तक ध्यान में बेठे रहे फिर शिस्यो को यजुर-वेध एव संस्कृत पढ़ा कर 7:00 बजे वे रामकृष्ण मठ में अपने कक्ष में योग साधना में लीन हो गए , रात को 9:10 को स्वामी विवेकानंद ने अपने शरीर का त्याग कर दिया।


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